Kya Jumma Mubarak Kehna Ek Bidat Hai
Jumma Mubarak Kehna Kaisa Hai? / Kya Yeh Ek Bidat Hai?
Hadith (Hadees) mein Jumme ka din ki bhut fazilat bayan ki gi hai. Jumme ka din afzal din hai lakin ais din mein Mubarak Baad dena bidat hai.
جمحہ مبارک کہنا کیا بدعت ہے؟
جمحہ مبارک کہنا بدعت ہے۔ جمحہ مبارک کہنا سنت سے ثابت نہیں ہے۔ مسلمانوں کو دو عیدیں دی ہیں اللہ نے اس لیے عید والے دن عید مبارک دینی چاہیے۔
जी हाँ .. जुम्मा मुबारक बोलना बिदत यानी की नया काम है लेकिन यह गलत नहीं है… जेसे की मस्जिद में मीनारे बनवाना, लाउड स्पीकर में अज़ान देना, ये सब भी नए काम यानी की बिदत हैं लेकिन गलत नहीं है..दरअसल बिदत दो तरह की होती है एक बिदत जो इस्लाम की तालीम के खिलाफ होती है एसी बिदत से गुनाह होता है . दूसरी बिदत जो इस्लाम, कुरान और हदीस ए पाक के खिलाफ नहीं है उसे करने की इजाज़त है उससे कुछ गुनाह नहीं होता….कुछ बिदत तो बहुत ज़रूरी है जैसे की कुरान ए पाक में ज़ेर और ज़बर आदि मत्राए लगाना … जुम्मा मुबारक बोलने के कई फायदे भी हैं आपस में मोहब्बत बढती है, मुबारक मेसेज के साथ कोई हदीस इ पाक या अच्छी बात शेयर की जाती है. इस पेज से हजारों खुबसूरत जुम्मा मुबारक इमेजेज डाउनलोड कर सकते हैं
ReplyDelete1000+ Jumma Mubarak image